जीतते तो सिर्फ तुम और चुने हार हम फिर ये कैसे प्यार हम ? जीतते तो सिर्फ तुम और चुने हार हम फिर ये कैसे प्यार हम ?
कोई नहीं मिला रास्ता बांह पकड़ कर मेरी मुझको रास्ता दिखाती मां। कोई नहीं मिला रास्ता बांह पकड़ कर मेरी मुझको रास्ता दिखाती मां।
लगभग तीन दिनों में उसने कम से कम तेरह बार मेरे पैर छुए। लगभग तीन दिनों में उसने कम से कम तेरह बार मेरे पैर छुए।
डॉ अशोक गोयल " अशोक " डॉ अशोक गोयल " अशोक "
यह दुनिया मेला है लोगों का रेला है रिश्तों का झमेला है फिर भी यह दुनिया मेला है लोगों का रेला है रिश्तों का झमेला है फिर भी
जब बात करने का मन हो तो रिश्ते बनते हैं। जब बात करने का मन हो तो रिश्ते बनते हैं।